कोरोना इफेक्ट: 19 मार्च के बजाय 17 मार्च से शूटिंग पर बंदी
'नकसान तो है, लेकिन जान से बढ़कर कुछ नहीं'
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बीएमसी ने तत्काल प्रभाव के तहत फिल्मसिटी समेत मुंबई के तमाम सेट्स पर रोकी गई शटिंग। अब निर्माताओं और ब्रॉडकास्टर्स के पास । एपिसोड्स का बैंक न होने की सूरत में री-रन ही बचा ऑप्शन। __
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते केसेज को महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते केसेज को देखते हुए रविवार की शाम फिल्म व टेलिविजन कमिटी फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलॉयज एफडब्लूआईसीई), इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रड्यूसर्स असोसिएशन (इंपा), वेस्टर्न इंडिया फिल्म प्रड्यूसर्स असोसिएशन (डब्लूआईएफपीए), आईएफपीटीसी और गिल्ड के पदाधिकारियों एवं ब्राडकास्टरों की एक अर्जेंट ज्वाईंट मीटिंग कर सभी जगहों पर शटिंग 19 तारीख से बंद करवाने का निर्देश जारी किया था। ऐसे में प्रॉडक्शन हाउस के पास चार दिन का वक्त था, जहां वे ज्यादा ज्यादा शूटिंग कर एपिसोड्स का बैंक बना पाते। मंगलवार की सुबह कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने तत्काल शूटिंग बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। यही वजह है मंगलवार को जब क्रू मेंबर्स फिल्म सिटी के गेट पहुंचे, तो उन्हें अंदर । जाने की इजाजत नहीं मिली। दोपहर तक मुंबई की अलग-अलग जगहों और सेट्स पर चल रही सभी शूटिंग नोटिस भेजकर शूटिंग को दो घंटे में रैपअप करने का निर्देश जारी किया गया। ऐसे में शूटिंग को बीच में रोकने पर मजबूर प्रड्यूसर्स नुकसान को लेकर परेशान हैं, मगर कई कैसे हैं, जो इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। वैसे इस स्थिति में उनके पास बैंक न होने की सूरत में शो की री-रन करने के अलावा और कोई चारा नहीं है। जीटीवी के शो कुर्बान हुआ की प्रड्यूसर सोनाली जाफर कहती हैं, '19 तक शूटिंग के फैसले के बाद हम सभी आनन-फानन में शूटिंग तो कर ही रहे थे। ऐसी स्थिति का कभी सामना हुआ नहीं इसलिए कोई प्लानिंग या स्ट्रैटेजी नहीं की थी। लॉस जो भी है लेकिन इंसान की जिंदगी के सामने तो कुछ भी नहीं है।' भाबी जी घर पर हैं कि प्रडयसर बिनायफर कोहली कहती हैं. 'अभी तो कोई प्लानिंग की ही नहीं है। यह बहुत ही सही फैसला है। हम टाइम बॉम्ब पर बैठकर काम कर रहे थे, अब आराम से बैठेंगे और जो सबसे ज्यादा जरूरी है परिवार और हेल्थ, उसका ध्यान रखेंगे। टेक्निशन की मदद करेंगे और उनके लिए क्या कर सकते हैं यह सोचेंगे। हम दूसरे देशों की गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं। रोजी-रोटी तो कल आती रहेगी. जिंदा नहीं रहेंगे तो काम कौन करेगा। अब तो हमारे दर्शकों पर सबकुछ है, उन्हें इतने सालों तक एंटरटेन किया है. वो हमारे सिचुएशन को समझेंगे। हम वापस उसी एनर्जी और उत्साह के साथ दोबारा लौटेंगे। के तो गाड़ियां हैं निपाटने है, ने मजबूरन क्रू लौटना रहे थे, अब आराम से बैठेंगे और जो सबसे ज्यादा जरूरी है परिवार और हेल्थ, उसका ध्यान रखेंगे। टेक्निशन की मदद करेंगे और उनके लिए क्या कर सकते हैं यह सोचेंगे। हम दूसरे देशों की गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं।