देश की मालामाल मुंबई महानगरपालिका पर कब्जा जमाने की तैयारी आम आदमी पार्टी की तैयारी है। दिल्ली की तर्ज पर बीएमसी में भी अपने जीत का झंडा बुलंद करने के लिए केजरीवाल की आप तैयार है। पार्टी चुनाव में किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी और अकेले दम पर चनाव लड़ेगी। दिल्ली विधानसभा में मिली जीत से आम आदमी पार्टी (आप) के हौसले बुलंद है। पार्टी अब महाराष्ट्र, मुंबई सहित अपने देशव्यापी विस्तार पर ध्यान देगी। शुक्रवार को आप के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने काम किया है और काम के दम पर मजबूती से सरकार में वापसी हुई है। मुंबई व महाराष्ट्र के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा कि पार्टी मुंबई सहित राज्य के अन्य महानगरपालिका में मजबूती से चुनाव लड़ेगी। उन्होंने साफ कहा कि मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, अपने दम पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी। मुंबई व महाराष्ट्र में पार्टी को मजबूत करने पर काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसके नतीजे दिखाई देंगेहटाकर प्रॉजेक्ट 'अब हड़बड़ी में काम नहीं करेंगे' न आप के नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी अब हड़बड़ी में काम नहीं करेगी और जल्दबाजी में कोई निर्णय भी नहीं लेंगी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि उस वक्त हम लोगों ने बहुत जल्दबाजी की थी। पार्टी ने 430 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिसमें 409 सीटों पर हमारी पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा देश के अन्य राज्यों में संगठन मजबूत नजर करने पर पार्टी ध्यान देंगी। उन्होंने कहा कि देश के सामने आज आप एक विकल्प बनकर बन सकती है, यह देश की जनता को तय करना है। सिंह ने कहा कि पार्टी ने राष्ट्र निर्माण में आप से जुड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसके जरिए 5 दिनों में 13 लाख लोग सदस्य बनेंगे। बिजली पर चाहें तो देंगे सहयोग आम आदमी पार्टी की तर्ज पर महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी भी 100 यूनिट बिजली मुफ्त के बारे में सिंह ने कहा कि इसे दिल्ली सरकार ने कैसे लागू किया है, इस पर अगर ठाकरे सरकार को किसी तरह का सलाह या मार्गदर्शन चाहिए तो आप उनकी मदद करने के लिए तैयार है। सिंह ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार अगर वास्तव में मुफ्त बिजली की योजना लागू करना चाहेगी तो यह संभव है, क्योंकि जितना बड़ा प्रदेश होता है सरकार के पास उतने ही ज्यादा संसाधन होते हैं।
BMC पर 'आप' की नजर
• Suraj Prakash